100।करोड़ का।हुआ घोटाला, आरोपियों पर 5.31 करोड़ का।घोटाला साबित माना, शेष कौन करेगा वापस?

जिले के हजारों परिवार अपने ही जमा पैसों के।लिया हो रहे परेशान, घोटाले।में अधिकारी बच निकले

शिवपुरी। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मार्यादित शिवपुरी की शाखा कोलारस में कार्यरत् प्रभारी केसीयर राकेश पाराशर तत्कालीन शाखा प्रबन्धक रमेश कुमार राजपूत एवं उक्त अपराध में पिंकी व पवन यादव को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार) के द्वारा दोषसिध्दि की सजा एवं अर्थदण्ड से दंडिता किया गया।

विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार, जिला शिवपुरी के द्वारा आरोपीगण 1. राकेश पाराशर को धारा-409/120(बी) भादवि एवं 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000/- रुपये का अर्थदण्ड, 2. रमेश कुमार राजपूत को धारा-409/109 भादवि एवं 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000/- रुपये का अर्थदण्ड , 3. पिंकी यादव को धारा-409/109 भादवि एवं धारा-12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/- रुपये का अर्थदण्ड, 4. पवन यादव को धारा-409/109 भादिव एवं धारा-12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/- रुपये का अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

न्यायालय के समक्ष यह पहुंची घटना –

अभियोजन के अनुसार जिला सहकारी बैंक शाखा कोलारस में हुई आर्थिक अनिमितता की जांच बैंक के द्वारा कराये जाने पर वर्ष 2020-2021 की अवधि के दौरान आरोपीगण के द्वारा आपराधिक षड़यंत्र कर 5,31,513,44/- रुपये (पांच करोड़ ईकतीस लाख इक्यावन हजार तीन सौ चवालीस रुपये) की आर्थिक अनियमत्ता किये जाने के संबंध में तत्कालीन शाखा प्रबन्धक कोलारस जर्नादन सिंह कुशवाह के द्वारा थाना कोलारस में अपराध क्रमांक-386/2021, धारा-409 भादवि के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबध्द कराई गई थी।
जांच के दौरान अनुसंधान अधिकारी ने उक्त बैंक राशि को अन्य आरोपीगण पिंकी यादव एवं पवन यादव के बैंक खातों में अंतरित किया गया। इसके अलावा प्रकरण के अन्य आरोपीगण सलीम, रवि रजक एवं सुनील सैन जिनके खातों में भी उक्त राशि अवैध रुप से अंतरित होना पायी गई थी एवं उक्त अपराध में संलिप्त अन्य आरोपी तत्कालीन शाखा प्रबन्धक ज्ञानेन्द्र शुक्ला, शिवम पाराशर, चंचल पाराशर, गगन पाराशर, मुकेश पाराशर, भावना कर्ण व रेनू शर्मा के विरुध्द अनुसंधान जारी लंबित रखते हुये गिरफ्तारशुदा आरोपीगण के विरुध्द अपराध प्रमाणित पाये जाने से अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
विशेष न्याोयालय (भ्रष्टाचार) जिला शिवपुरी के समक्ष अभियोजन के महत्वपूर्ण कथन कराये गये। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए अभियुक्तगण को उपरोक्त सजा एवं अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
शासन की ओर से प्रकरण का संचालन सुनील त्रिपाठी, विशेष लोक अभियोजक जिला-शिवपुरी के द्वारा की गई।
इन्हें मिला संदेह का लाभ

आरोपीगण सलीम, सुनील सैन एवं रवि रजक को माननीय न्यायालय द्वारा अपर्याप्त साक्ष्य के आधार पर संदेह का लाभ देते हुये दोषमुक्त किया गया।

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