शर्मा ने संभाला शिवपुरी मंडी सचिव का प्रभार, बोले: काटो का ताज कोई नहीं था पहनने को तैयार
शिवपुरी। कृषि उपज मंडी यूं तो कमाई का बड़ा अड्डा है, लेकिन उसकी कमान थामने से हर कोई बच रहा था, जिसके चलते सचिव का प्रभार उन्हें दिया, जो पहले से दो मंडियों में सचिव बने बैठे हैं। ऐसे में अब तीसरी शिवपुरी मंडी में सचिव का प्रभार संभालने वाले रामकुमार शर्मा का कहना है कि कांटों का ताज पहनने कोई तैयार नहीं था।
ज्ञात रहे कि पिछले माह शिवपुरी मंडी में सबसे अधिक हंगामे हुए, या कराए गए, लेकिन मंडी चर्चा में रही। नाकेदार से मंडी सचिव की कुर्सी तक पहुंचे विश्वनाथ सिंह ने कुछ ऐसी कमाई कर डाली थी कि उन्होंने शासन की योजना के एप में ही फर्जीवाड़ा कर दिया था। विश्वनाथ खुद को पाक-साफ बताकर छोटे कर्मचारियों की गर्दन फंसाने की कोशिश करते रहे, लेकिन बाद में खुद ही निलंबित हो गए। हालांकि उस दौरान विश्वनाथ यह कहते रहे कि मुझे हटाने के लिए हमारी मंडी के ही लोग जान बूझकर हंगामे करवा रहे थे। जबकि सच्चाई यह थी कि नाकेदार से सचिव तक के सभी हिस्से साहब डकारने लगे थे, तो कर्मचारी विरोधी हो गए थे।
विश्वनाथ का निलंबन होने के बाद लगभग 8ये10 दिन मंडी बिना सचिव के चलती रही, जबकि इन दिनों में प्याज सहित अन्य फलों की बंपर आवक होती रही। इस बीच एक आदेश भोपाल से आया, और बैराड़ एवं बदरवास में मंडी सचिव का प्रभार देख रहे रामकुमार शर्मा को ही शिवपुरी मंडी की कमान दे दी गई।
शर्मा से जब पूछा कि थ्री इन वन होकर कैसे सभी तरफ व्यवस्थाएं देख पाओगे?, तो वे बोले कि दो-दो दिन एक मंडी को देंगे, रविवार की छुट्टी मनाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरी तो बिल्कुल इच्छा नहीं थी, क्योंकि मंडी के बारे में बहुत कुछ पढ़ा और देखा था, लेकिन अधिकारियों के निर्णय के खिलाफ तो हम नहीं जा सकते थे।

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