जिनसे अपराधियों को डरना चाहिए, वो इनके नाम से डरा रहे जनता को
सरकार की बड़ी परेशानी, जारी करना पड़ रही चेतावनी
अभी तक आमजन में मजिस्ट्रेट, पुलिस व सेना के अधिकारियों के नाम का रुतबा होने के साथ ही एक खौफ हुआ करता था। लेकिन अब सरकार कह रही है कि इन नामों से डरने की जरूरत नहीं है, तथा यदि इनके नाम से फोन आए, तो बिना देर किए आसपास के पुलिस थाने में सूचना दे। देश में यह हालात इसलिए बने, क्योंकि लोगों ने डिजिटल इंडिया को अपना लिया, और अब साइबर ठग उसके माध्यम से ही लोगों के बैंक खाते खाली कर रहे हैं।
गौरतलब है कि साइबर ठगी के बढ़ते मामलों ने जहां आमजन को एक ही झटके में लाखों का गच्चा लग रहा है, और इस पर पुलिस तो दूर सरकार तक अंकुश लगाने में पूरी तरह से विफल हो गई। बढ़ते साइबर ठगी के मामलों में फंस रहे लोग ना केवल। अपनी जमापूंजी गंवा रहे हैं,।बल्कि कई तो दुनिया छोड़ गए। क्योंकि साइबर ठगी करने वालों ने अब परिवार के बच्चों के।नाम पर अभिभावकों को ठगना शुरू कर दिया है। अपने जिगर के टुकड़े को दुष्कर्म या ड्रग्स जैसे संगीन अपराध में फंस जाने का फोन सुनते ही, कुछ महिलाएं मौत की नींद सो गईं, जबकि उनके बच्चे पूरी तरह से सुरक्षित मिले।
शार्टकट के रास्ते पैसा कमाने के लिए अंजाम दे।रहे साइबर क्राइम को करने वाले लोगों को आमजन की भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं है। अपने बच्चे की गलत खबर सुनने के बाद कोई मेरे तो मरता रहे, उन्हें तो सिर्फ पैसे चाहिए, फिर वो किसी भी तरह से आए।
बैंक प्रक्रिया में करना पड़ा बदलाव
पहले बैंक में यदि कोई राशि ट्रांसफर की जाती थी, तो उसमें आधा मिनिट का समय भी नहीं लगता था, लेकिन अब अनजान एकाउंट या बड़ी राशि को ट्रांसफर करने में बैंकों को 48 घंटे का।समय निर्धारित किया है। यह इसलिए किया गया, ताकि साइबर ठगी करने वालों ने यदि राशि किसी एकांत में डलवाई है, और ठगी को पीड़ित समझ गया है, तो उसका पैसा ट्रांसफर होने से पहले होल्ड करवा दिया जाए। बहते पीड़ित 48 घंटे से पहले इसकी शिकायत पुलिस को दे।
जिस माध्यम से ठगी, उसी से अलर्ट जारी
अब यदि आप किसी को फोन लगाओगे तो मोबाइल की घंटी बजाने से पहले एक अलर्ट मेसेज सुनना पड़ रहा है। भारत सरकार द्वारा जारी करवाए जा रहे इस अलर्ट में कहा जा रहा है कि यदि आपको कोई सेना का अधिकारी, पुलिस ऑफिसर या मजिस्ट्रेट बनकर फोन करे, तो उससे डरे नहीं, और न ही उसकी कोई बात मानकर पैसा ट्रांसफर करे, बल्कि इसकी सूचना पास वाले पुलिस थाने को दें। अफसोस डिजिटल इंडिया अब सरकार के।लिए परेशानी व आमजन के लिए घातक हो गया।

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