जहां नहीं लगी आग, वहां की हरियाली छांटकर जमीन की जा रही समतल
एयरपोर्ट से सीधे ही ताज होटल पहुंच सकेंगे सैलानी, टूरिज्म बढ़ाने की दिशा में कदम
शिवपुरी। प्राचीन पर्यटन स्थलों में शुमार सिंधिया छत्री के परिसर में खाली पड़ी जगह और जंगल के बीच मुंबई के ताज होटल की तरह शिवपुरी में होटल खुलेगा। जिसके लिए छत्री परिसर में पेड़ों और जंगल को हटाकर जमीन को समतल करने का काम चल रहा है, क्योंकि ताज होटल से सिंधिया ट्रस्ट का एग्रीमेंट होने की प्रक्रिया चल रही है।
गौरतलब है कि सिंधिया परिसर में पिछले दिनों आग लगने की सूचना पर नगरपालिका से लेकर पुलिस अधीक्षक और एसडीएम-तहसीलदार तक पहुंच गए थे। छत्री परिसर में जिस तरफ आग बुझाई गई, वहां पर साफ- सफाई ना होकर शहर की तरफ के एरिया को साफ किया जा रहा है। समतल की जा रही जमीन पर छत्री परिसर के अंदर मुंबई के ताज होटल की तरह शिवपुरी में होटल खोला जाएगा। जिसके लिए ताज होटल मैनेजमेंट से सिंधिया ट्रस्ट का एग्रीमेंट हो रहा है।
अनुबंध प्रक्रिया पूरी होने के बाद होटल निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। साथ ही परिसर के अंदर स्थित सिंधिया परिवार के रुकने के ठिकाने यानि बॉम्बे कोठी को हेरिटेज बनाया जाएगा। चूंकि शिवपुरी में झांसी रोड पर स्थित हवाई पट्टी को एयरपोर्ट में बदलने की कवायद शुरू हो गई है। जब तक एयरपोर्ट बनकर तैयार होगा, तब तक ताज होटल भी सैलानियों के स्वागत के बन जायेगा। एयरपोर्ट से होटल तक का रास्ता अधिक लम्बा नहीं रहेगा। एयरपोर्ट पर उतरकर सैलानी ताज होटल में रुककर माधव नेशनल पार्क में टाइगर देखने जा सकेंगे।
अभी वीआईपी के लिए एकमात्र टूरिस्ट विलेज
शिवपुरी में अभी वीआईपी लोगों के अलावा विदेशी सैलानियों के लिए टूरिज्म विभाग का होटल टूरिस्ट विलेज है। जो बिना टाइगरों की आमद के ही हाउसफुल रहता था। अब जबकि टाइगर देखने के।लिए विदेशी सैलानियों की संख्या बढ़ेगी, तो फिर ताज होटल में बुकिंग बढ़ेगी। ताज होटल के शुरू होने से टूरिज्म विभाग के टूरिस्ट होटल की आमदनी भी प्रभावित होगी।
बोले ट्रस्ट ऑफिसर, हो रहा एग्रीमेंट
शिवपुरी में ताज होटल खोले जाने के लिए एग्रीमेंट प्रक्रिया चल रही है। उसके बाद होटल निर्माण का।कार्य शुरू होगा। बॉम्बे कोठी हेरिटेज बनेगा।
अशोक कुमार मोहिते, छत्री ट्रस्ट ऑफिसर
आगजनी पर उठ रहे सवाल
पिछले दिनों छत्री परिसर में आग भड़कने पर उसे बमुश्किल बुझाया गया था। आगजनी जिस एरिया में हुई, उससे कुछ दूरी पर सफाई करके जमीन समतल की जा रही है। यदि सीधे ही हरे-भरे पेड़ों को काटा जाता, तो कई सवाल उठते, लेकिन आग लगने के बाद जेल पेड़ों कोंहटाने के नाम पर सफाई करने पर कोई आपत्ति नहीं होगी।