स्थानीय लोगों ने कुत्तों से बचाया हिरण, फिर वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू करके जंगल में छोड़ा
शिवपुरी। जिले के कोलारस विधानसभा के ख़तौरा गांव के पास देहरादा-ईसागढ़ रोड पर पेट्रोल पंप के पास रविवार की सुबह एक लंबे सींग वाला हिरण आया, जिसे कुत्ते घेरकर लाए थे। स्थानीय लोगों ने उसे कुत्ते से बचाकर वन विभाग को सूचना दी।
चूंकि इन दिनों जंगल से बाहर निकलकर हिरण आसपास खेतों में आ जाते हैं। ख़तौरा गांव के पास भी हिरणों का झुंड खेत में आया, लेकिन रात में बारिश होने से खेत की मिट्टी गीली हो जाने से एक हिरण वापस जंगल में नहीं जा पाया। आज सुबह खेत में हिरण को कुत्तों ने घेर लिया, और हिरण के साथ नौंच भी दिया था। हिरण अपनी जान बचाकर देहरदा-ईसागढ़ रोड पर सेंगर पेट्रोल पंप के पास हिरण आ गया, जिसके शरीर में कुत्तों के दिए गए जख्म नजर आ रहे थे। स्थानीय लोगों ने हिरण को कुत्तों से सुरक्षित किया, और वन विभाग को सूचना दी। कुछ देर में फॉरेस्ट टीम आई, और हिरण को रेस्क्यू करके अपने साथ ले गई। हिरण को पहले प्राथमिक उपचार दिया गया, उसके बाद उसे जंगल में छोड़ दिया गया।
खेत में गीली मिट्टी में फंस जाते हैं हिरण
हिरण भले ही जंगल में छलांगे मारता हो, लेकिन गीली मिट्टी में जब हिरण के पैर धंसते हैं, तो वो भागने के फेर में मिट्टी में और भी धंस जाता है। यही वजह है कि बारिश के दौरान हिरण जंगल से बाहर खेतों में नहीं आते हैं।

[…] शिवपुरी। जिले के कोलारस विकासखंड में चल रही खाद की कालाबाजारी उस समय सामने आई, जब एक दुकानदार 1350 रुपए का डीएपी खाद का कट्टा 1800 रुपए में बेचते मिला। शिकायत मिलते ही एसडीएम कोलारस अनूप श्रीवास्तव ने जांच के लिए टीम भेजी। टीम ने दुकान को सील कर दिया। इस दौरान आसपास के दुकानदार अपनी शटर बंद करके भाग गए। कोलारस के ग्राम खरई में नायब तहसीलदार शैलेन्द्र भार्गव और कृषि विभाग के एसडीओ पवन दुबे की टीम पहुंच गई। टीम के आने की सूचना पहले से मिल जाने से आसपास के दुकानदार अपनी दुकान बंद के गए थे। यहां एक दुकान जय मां शिवशक्ति ट्रेडर्स के संचालक जयेंद्र धाकड़ की दुकान खुली मिल। गई। दुकानदार बहाने बनाकर दुकान बंद करने की फिराक में रहा। इसी बीच नायब तहसीलदार ने दुकान सील करने के निर्देश दिए। इसके बाद दुकान सील कर दी। ज्ञात रहे कि कोलारस में सबसे अधिक किसानों ने खाद न मिलने की वजह से कई बार चक्काजाम कर दिया। एक तरफ जहां किसानों को खाद नहीं मिल रही थी, वहीं दूसरी ओर खाद ब्लैक में बेची जा रही है। […]