12 साल तक फर्जी दातावेज से की रोजगार शायक की नौकरी, कलेक्टर ने हटाया
एक ही वर्ष में 3 डिग्री लेकर नरेंद्र ने हासिल की थी कुर्सी, हर बार बच जाते हैं फर्जी दस्तावेज बनाने वाले
शिवपुरी तहसील की ग्राम पंचायत इंदरगढ़ में पदस्थ रोजगार सहायक को फर्जी दस्तावेज का दोषी मानते हुए उसे पद से हटाने का आदेश कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने दिया। एक ही साल में 3 डिग्री के दस्तावेज लगाकर नरेंद्र धाकड़ ने 12 साल तक नौकरी भी कर ली, लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने ध्यान ही नहीं दिया। महत्वपूर्ण बात यह है कि फर्जी दस्तावेज से नौकरी पाने वाले तो पकड़े जा रहे हैं, लेकिन यह फर्जी दस्तावेज बनाने वालों पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही?, यह एक प्रश्न है.
बेरोजगारी के इस दौर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर युवा नौकरी हासिल कर रहे हैं, जबकि योग्य अभ्यर्थी का नंबर ही नहीं आ पाता। पिछले दिनों एसएएफ में भर्ती जवानों पर पुलिस ने 420 का प्रकरण दर्ज किया गया। अब शिवपुरी तहसील की ग्राम पंचायत इंदरगढ़ के रोजगार सहायक नरेंद्र सिंह धाकड़ ने अपने जो फर्जी दस्तावेज लगाए, उनमें श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से बीई वर्ष 2010-12, महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय मप्र, रॉबिंस इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज बदरवास से डीसीए वर्ष 2011, तथा मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल से बीएससी की डिग्री वर्ष 2010-11 में प्राप्त की। कलेक्टर श्री चौधरी ने माना कि एक ही वर्ष में यह डिग्री/डिप्लोमा नियमित अध्ययन करके हासिल नहीं की जा सकती।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मामले में शिकायत करने वाला मामले को लगातार उठाए रहा, अन्यथा जिले के कई विभागों में कर्मचारी से अधिकारी तक लोग फर्जी दस्तावेजों केआधार पर बन गए। ऐसे फर्जी दस्तावेज बनाने वाले शैक्षणिक संस्थानों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए, जो घर बैठे मोटी फीस लेकर रेगुलर की डिग्रियां बेंच रहे हैं।
ज्ञात रहे शिवपुरी जिले में फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी पाने वालों में बड़ी संख्या में शिक्षक, सीआरपीएफ, एसएएफ एवं पुलिस में भी पकड़े जा चुके हैं। फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वाले ईमानदारी से मेहनत करने वालो के साथ खुला खिलवाड़ कर रहे हैं। जब तक फर्जी दस्तावेज बनाने वाले संस्थानों पर कार्यवाही नहीं होगी, तब तक यह सिलसिला रुकेगा नहीं। ऐसे संस्थानों में हमारे नेताओं की हिस्सेदारी भी है।