गोशाला में करोड़ों खर्च, हाइवे पर दम तोड़ रहा गौवंश, जिम्मेदार मौन

गोशाला में करोड़ों खर्च, हाइवे पर दम तोड़ रहा गौवंश, जिम्मेदार मौन
जिले से गुजरे दोनों हाइवे पर हर रोज सुबह मिल रहे मृत गौवंश, कागजों में संचालित गौशाला

शिवपुरी जिले से दो हाइवे कोटा-झांसी फोरलेन और आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग निकले हैं इन दोनों हाइवे पर हर रोज सुबह थोकबंद मृत गौवंश मिल रहा है। जबकि आवारा मवेशियों के लिए लगभग 40 करोड़ की राशि जिले में खर्च हो गई, बावजूद इसके गौवंश की अकाल मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा।
गौरतलब है कि शिवपुरी जिले के हर विकासखंड में एक दर्जन से अधिक गौशाला स्वीकृत होकर उनका निर्माण भी कर दिया गया। चूंकि निर्माण करने में सभी का कमीशन सेट था, इसलिए निर्माण कार्य तो हो गया, लेकिन यह गौशाला केवल बनकर रह गई। इनमें गौवंश ना रखते हुए कागजों में ही उनका संचालन करके प्रति गाय 40 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से राशि निकलकर उसका बंदरबांट कर रहे हैं। एक तरफ जहां जिले में गौशालाओं के फर्जी संचालन करके ही महीने लाखों रुपए का बंटावारा करके जिम्मेदार अपनी जेब भर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर बरसात के मौसम में हाइवे पर बैठकर यह गौवंश काल कवलित हो रहा है।
स्थिति यह हो गई है कि हाइवे पर मरने वाले इन मवेशियों को वहीं पर किनारे फेंक दिए जाने से उनसे उठने वाली दुर्गंध की वजह से हाइवे पर निकलने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है। चूंकि हर रोज सुबह दोनों हाइवे पर लगभग एक दर्जन से अधिक गौवंश शिवपुरी जिले की सीमा में मृत हो रहा है, इसलिए इन दिनों दोनों हाइवे इन दिनों दुर्गंध वाले हो गए।
एक तरफ जहां हर दिन एक दर्जन से अधिक गौवंश तेज रफ्तार वाहनों का शिकार मर यह है, तो वहीं दूसरी ओर जिले में गोशाला संचालन के नाम सिर्फ फर्जीवाड़ा हो रहा है। यदि गौशाला का संचालन नियमानुसार होकर उनकी मॉनिटरिंग की जाए तो ना केवल हाइवे गौवंश मुक्त हो जाएंगे, बल्कि मूक पशुओं की मौत का सिलसिला भी थम जाएगा। अन्यथा गौमाता केवल राजनीति के।लिए उपयोग होकर इसी तरह सड़क हादसों में काल के गाल में समाती रहेंगी।
प्रभावालियों ने कब्जाई गौशाला
जिन गौशाला में गायों को कागज में दिखाकर हर महीने बड़ा खर्चा लिया जा रहा, उनका संचालन प्रभावशाली के हाथ में है। क्योंकि शासन ने अब खर्च राशि दोगुनी कर दी है, इसलिए उसका संचालन अपने हाथ में लेकर गायों को उनके हाल पर छोड़ दिया। वहीं कुछ दबंगों ने तो गौशाला में प्याज तक भरवा दी थी। ऐसे में मूक पशुओं के नाम पर जेब भरने वालों के खिलाफ कार्यवाही की दरकार है।

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कोटा-झांसी फोरलेन पर मृत
पड़े
गोवंश

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