बेटों के जन्म पर मनाया जश्न, अब वो ही कर रहे मारपीट
तीन बेटे बने बुजुर्ग माता-पिता के दुश्मन, मकांग बेचने का बना रहे दबाब
शिवपुरीं। जब बेटा पैदा होता है तो हर परिवार में खुशियां मनाई जाती हैं, लेकिन बेटी के पैदा होने पर मायूसी छा जाती है। जब वो ही बेटे बड़े होते हैं, तो सहारा बनने की बजाए परेशानी बन जाते हैं। एक ऐसे ही बुजुर्ग ने बताया कि तीन बेटे होने के बावजूद बुजुर्ग माता-पिता न केवल उनसे परेशान हैं, बल्कि उनकी मारपीट का शिकार भी हो रहे हैं।
शिवपुरी के लुढ़वाली में रहने वाले 69 वर्षीय चिरोंजीलाल प्रजापति के तीन बड़े बेटे उनके लिए परेशानी बने हुए हैं। अपनी मेहनत मजदूरी से जो मकान चिरौंजी ने बनाया, उसे बेचकर पैसा दिए जाने के लिए यह बेटे अपने माता-पिता की मारपीट करने से भी परहेज नहीं कर रहे।
बकौल चिरौंजी, मेरा बड़ा बेटा साधु का भेष रखकर लोगों को भभूत आदि देकर ठगता है, और शाम को पैसा इकठ्ठा होने पर शराब पीकर हंगामा करता है। बीच वाला बेटा बेकरी का कारीगर होने के बावजूद शराब में ऐसा बर्बाद हुआ कि उसकी पत्नी अपने बच्चों सहित उसे छोड़कर चली गई।
चिरौंजी ने बताया कि तीसरा बेटा इंदौर में होटल पर काम करता है, और पिछले दिनों हाथ जलाकर आ गया था, तो उसका इलाज भी हमने करवाया। अब वो हमें ही फोन पर धमकी देकर कहा रहा है कि मकांग बेचकर उसका पैसा दे दो। पीड़ित पिता ने बताया कि मेरी बुजुर्ग पत्नी को भी बड़े बेटे ने पीटा था। यह लड़के दो बार गगर का ताला तोड़कर रजाई-गद्दे तक जला चुके हैं, तथा चिरौंजी की बाइक भी तोड़ दी थी।
नातिन को पढ़ा रहे, लेकिन बेटे जीने नहीं दे रहे
चिरौंजी की एक बेटी है, जिसकी बेटी को यह बुजुर्ग नाना-नानी पढ़ा रहे हैं। लेकिन वो अपने तीन बेटों से बेहद परेशान हो चुके हैं। पीड़ित का पिता का कहना है कि मेरे तीन बेटों की जगह यदि ईश्वर एक और बेटी दे देता, तो हमें बहुत खुशी होती, क्योंकि बेटियां अपने माता-पिता के सुख-दुख को समझती हैं।
दरोगा ने 500 लेकर दो बेटों को बिठाया, कोई 2 हजार देकर छुड़ा ले गया
बेटों की ज्यादती से परेशान चिरौंजी का कहना है कि मैंने एक दरोगा को 500 रुपए देकर कहा था कि मेरे दो बेटों को जेल भिजवा दो। दरोगा दो बेटों को थाने भी ले आए, लेकिन कोई उन्हें 2 हजार देकर छुड़ा ले गया। चिरौंजी के घर पहुंचने से पहले बेटे घर पहुंच गए थे।