कांग्रेस जिलाध्यक्ष की दौड़ में भरत, मोहित, मानसिंह पर मंथन, विजय फिर तैयारी में

कांग्रेस जिलाध्यक्ष की दौड़ में भरत, मोहित, मानसिंह पर मंथन, विजय फिर तैयारी में बोले चौहान: प्रदेश सहित जिले में इतने मुद्दे की ही रोज 3 आंदोलन भी पड़ेंगे कम

शिवपुरी में कांग्रेस जिलाध्यक्ष की दौड़ में भरत रावत, मोहित अग्रवाल और करेरा के मानसिंह जाटव (फौजी) के नाम पर कांग्रेस में मंथन चल रहा है। इस दौड़ में वर्तमान जिलाध्यक्ष विजय चौहान भी खुद को शामिल किए हुए हैं। पिछले दिनों में शिवपुरी आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी कार्यकर्ताओं और आमजन की राय लेकर चले गए, और अब जल्द ही जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा होगी। जिलाध्यक्ष बनने के बाद ही अब कांग्रेस जनहित के मुद्दों पर सक्रिय राजनीति दिखा पाएगी। लेकिन जो नाम इसमें चल यह हैं, वो कितना वजन रखते हैं, उन पर भी चर्चा होनी चाहिए।
गौरतलब है कि देश की राजनीति में कांग्रेस तब सक्रिय होती है, जब राहुल गांधी का कहीं आसपास का दौरा हो जाता है। कुछ दिन सक्रिय रहने के बाद विपक्ष फिर से अपनी पुरानी स्थिति में आ जाती है। पिछले दिनों भोपाल आए राहुल गांधी की सभा से लौटकर आए कांग्रेसी अब संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से जिलाध्यक्ष सहित संगठन के पदाधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
शिवपुरी कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लिए भरत रावत का नाम है, जो रावत समाज में अपनी पहचान रखते हैं। जबकि मोहित अग्रवाल बाजार के ही व्यवसाई वर्ग के होने की वजह से वैश्य वर्ग में पहचान रखते हैं, हालांकि उनके रिश्तेदार भाजपा में वरिष्ठ पदों पर काबिज हैं। तीसरा नाम मानसिंह जाटव (फौजी) करेरा क्षेत्र में अपनी पहचान रखते हैं। कांग्रेस में युवाओं को भले ही प्राथमिकलता दी जा रही हो, लेकिन इस दौड़ में वर्तमान जिलाध्यक्ष विजय सिंह चौहान भी दावेदारी कर रहे हैं।
अब देखना यह है कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष के फ्रेम में किसका चेहरा फिट बैठता है। निर्णय इनमें से ही कोई होगा, या फिर कोई अप्रत्याशित और सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ता को यह जिम्मेदारी मिलती है..?, यह तो आने वाला समय हो बताएगा

कांग्रेस जिलाध्यक्ष की दौड़ में भरत, मोहित, मानसिंह पर मंथन, विजय फिर तैयारी में

 

One thought on “कांग्रेस जिलाध्यक्ष की दौड़ में भरत, मोहित, मानसिंह पर मंथन, विजय फिर तैयारी में”
  1. […] शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा के ग्राम आगर्रा के जंगल से गुरुवार की दोपहर जंगल में करने गईं 60 भैंसों को मवेशी चोर हॉक ले गए। चरवाहों और ग्रामीणों को जब पता चला तो वो समूह की शक्ल में जंगल में 15 किमी तक जब चले, तो चोर ग्रामीणों की भीड़ देखकर भाग गए। गायब हुईं 60 भैंसों में से 53 भैंस तो जंगल में मिल गई, लेकिन 7 भैंसों का पता नहीं चला। गौरतलब है कि पोहरी के जंगल से लगा हुआ मुरैना विजयपुर का जंगल लगा हुआ है। यही वजह से कि जंगल के रास्ते आए मवेशी चोर ग्राम आगर्रा की जंगल में चरने गई 60 भैंसों को चोर हॉक ले गए। वो तो ग्रामीणों ने तत्काल उनकी खोज कर ली तो 53 भैंस वापस मिल गई। ज्ञात रहे कि मवेशी चोर जंगल से भैंस चोरी करने के बाद उन्हें वापस करने के एवज में उसी तरह की फिरौती मांगते हैं, जैसे डकैत अपहरण के बाद मांगते थे। वो तो शुक्र है कि ग्रामीणों की मेहनत काम कर गई, तो 53 भैंस वापस मिल गई, अन्यथा उन्हें वापस लाने के लिए फिरौती देनी पड़ती। अभी लापता 7 भैंसों की तलाश भी ग्रामीण के रहे हैं, अन्यथा गायब भैंसों की कीमत भी 5 लाख रुपए का नुकसान तो हो ही गया। […]

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