कृषि विभाग की सलाह: किसान यूरिया के साथ एसएसपी खाद का उपयोग करें
शिवपुरी। किसान खेतों में बोबनी के लिए तैयार है, लेकिन खाद न मिलने की वजह से उसकी बोबनी लेट हो रही है। साथ ही किसानों को ब्लैक में महंगे दाम पर खाद खरीदनी पड़ रही है। किसान को खाद उपलब्ध कराने में नाकाम शासन-प्रशासन अब अन्नदाता को खाद बदलने की सलाह दे रहा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डीएपी का आयात न होने की स्थिति में डीएपी की कमी महसूस की गई है! डीएपी या एनपीके उपलब्ध न होने पर किसान यूरिया के साथ एसएसपी के विकल्प का उपयोग करें! यह सलाह जिले के किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उपसंचालक यूएस तोमर तथा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा खेतों में उर्वरक के उपयोग को लेकर किसान भाइयों को दी है। जिससे किसान आवश्यकता अनुसार खाद का उपयोग कर सकें!
कृषि उप संचालक की सलाह है कि फसल की वृद्धि के लिए तीन तत्वों की जरूरत होती है, जिसकी पूर्ति किसी भी खाद से की जा सकती है। डीएपी के स्थान पर एनपीके उर्वरक का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है तथा धीरे-धीरे किसान एनपीके उर्वरक का उपयोग करने लगे हैं! इसके अलावा एसएसपी या टीएसपी के साथ यूरिया के उपयोग के भी बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं! यदि डीएपी या एनपीके खाद उपलब्ध नहीं हैं तो किसान एसएसपी+यूरिया का उपयोग दलहन में एक बैग यूरिया के साथ 7 बैग एसएसपी तथा गेहूं में पांच बैग यूरिया और 7 बैग एसएसपी का उपयोग कर आवश्यक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है।
जिले में अभी तक 1 लाख से अधिक किसानों को एसएमएस के माध्यम से भी डीएपी या एनपीके उर्वरक के विकल्प के तौर पर एस एस पी + यूरिया का उपयोग करने की सलाह दी गई है। कृषि विभाग द्वारा दी गई जानकारी अनुसार जिले में वर्तमान में 31699 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है जिसमें 11189 मीट्रिक टन यूरिया 911 मीट्रिक टन डीएपी, 3765 मीट्रिक टन एनपीके, 15288 मीट्रिक टन एसएसपी और 546 मीट्रिक टन एमओपी उपलब्ध है।
अभी आने वाले तीन-चार दिवस में हिंडालको द्वारा डीएपी और टीएसपी की रैक आने वाली है, जिसमें जिले को लगभग निजी और सहकारी केंद्रों में वितरण के लिए 650 मीट्रिक टन डीएपी और 300 मीट्रिक टन टी एस पी प्राप्त होगा!