बस स्टैंड पर छोड़े दूध के नाम पर स्टॉल, मेडिकल कॉलेज परिसर में भी दूध छोड़कर बिक रहा सभी सामान
शिवपुरी। सांची के स्टॉल शिवपुरी शहर में जगह जगह खुल गई है, क्योंकि दूध के नाम पर प्रशासन व नगरपालिका उन्हें हटाती नहीं हैं। लेकिन इन स्टॉल की सच्चाई यह है कि इनमें दूध भले ही न मिलता हो, लेकिन शराब पार्टी का चखना यहां जरूर मिलता हैं।। बीते सोमवार को बस स्टेंड से अभी स्टॉल हटवाई, लेकिन दूध के नाम पर सांची की स्टॉल छोड़ दी, जबकि एक स्टॉल तो दीवार तोड़कर अंदर की तरफ 10 फीट बढ़ा ली है।
शिवपुरी शहर में रखे लगभग तीन दर्जन सांची के दूध वाले स्टॉल में से 25 फीसदी पर दूध ही नहीं मिलता। उन दूध तो स्टॉल रखने के बाद कुछ दिन तक मिला, उसके बाद तो नमकीन, बिस्किट शीत अन्य सामान बेचा जा रहा है। हद तो तब हो गई, जब मेडिकल कॉलेज परिसर में सांची का स्टॉल इसलिए रखवाया गया कि मरीजों को दूध मिल सके, लेकिन वहां पर भी दूध छोड़कर बाकी सभी सामान मिल रहा है। शहर में अधिकांश दूध के इन स्टॉल की आड़ में सिर्फ शहर की सड़कों पर जगह घेर ली गई, और उसकी आड में अन्य दुकानदारी चल रही है।
सुबह बंद, रात में रहते हैं चालू
यूं तो दूध की जरूरत घरों में सुबह होती है , इसलिए यह स्टॉल सुबह 5 से 6 बजे के बीच खुल जाने चाहिए। इसके विपरीत शहर में कुछ स्टॉल सुबह देर से खुलते हैं, और कुछ तो सुबह v दिन में खुलने की बजाए शाम को खुलते हैं, और देर रात तक चलते हैं। इन पर शराब महफिल वाले पानी व चखना खरीदते हैं।
खोले थे सेहत सुधारने को, वो अब सेहत बिगाड़ रहे
दूध के स्टॉल शहर में इसलिए खोले गए कि लोग अच्छा दूध लेकर अपनी सेहत बनाएं। लेकिन अब यह स्टॉल सेहत बनाने की बजाए उसे बिगाड़ने वाली शराब के हमसफर बन गए हैं। अब तो इन स्टॉल पर रात के समय महफिल जमा करती हैं।
बस स्टैंड पर स्थिति खराब
शिवपुरी बस स्टैंड पर सांची के दो स्टॉल रखे हैं। एक स्टॉल तो अंदर परिसर में रखा है, जिस पर दूध छोड़कर बाकी अब कुछ मिलता है। यह जानकारी देते हुए बस स्टैंड से हटवाई जी स्टॉल संचालकों का कहना है कि इसे भी हटवाया जाए। वहीं दूसरा स्टॉल गेट के पास रखी है, जिसकी गहराई को अंदर बढ़ाने के लिए बस स्टेंड की फ्रंट वाली दीवार को ही तोड़ दिया गया। इनकी तरफ किसी जिम्मेदार ने नहीं देखा।