राजस्थान को 10 विकेट से हराकर मध्यप्रदेश की टीम ने जीता फाइनल
शिवपुरी। कहते हैं कि जहां चाह है, वहां राह है। इसे ही सच कर दिखाया नेत्रहीन महिला क्रिकेटरों ने, जिसके फाइनल मैच में मध्यप्रदेश की टीम ने राजस्थान की टीम को 10 विकेट से हराकर ट्राफी अपने नाम कर ली। महत्वपूर्ण बात यह है कि नेत्रहीन महिला क्रिकेटरों के लिए जिस बॉल का।उपयोग किया गया, उसमें घुंघरू भरे हुए थे।
क्रिकेट खेल का क्रेज न केवल आंख वालों को ही नहीं, बल्कि नेत्रहीन युवतियों में भी है। शिवपुरी के जिला खेल परिसर (स्टेडियम) में आज सुबह नेत्रहीन महिला क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल मैच राजस्थान व मध्यप्रदेश की महिला टीम के बीच खेला गया। जिसमें राजस्थान की पूरी टीम 18 ओवर में 118 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। राजस्थान महिला टीम द्वारा दिए गए 119 रन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मैदान में सुनीता v दुर्गा की जोड़ी मैदान में उतरी। इस ओपनिंग जोड़ी के मैदान में आते ही स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज गया।
इसके बाद राजस्थान की महिला बॉलरों की एक-एक कर जो धुलाई शुरू की तो सुनीता व दुर्गा का बल्ला जीत दिलाकर ही रुका। मध्यप्रदेश की इस जोड़ी ने महज 14 ओवर में ही 119 रन बनाकर ट्राफी को अपने नाम कर लिया। मध्यप्रदेश की सुनीता ने 36 व दुर्गा ने 66 रन बनाए।फाइनल मैच की मैन ऑफ द मैच दुर्गा रहीं। मध्यप्रदेश की टीम ने यह मैच 10 विकेट से जीत लिया।
घुंघरुओं की आवाज पर लगाए चौके- छक्के
नेत्रहीन महिला क्रिकेटर के लिए विशेष बॉल का उपयोग किया गया। इस बॉल में घुंघरू भरे हुए थे, और बॉल में बजने वाले घुंघरू की आवाज से नेत्रहीन महिला क्रिकेटर बॉल का अंदाजा लगाकर शॉट मार रहीं थीं। इस दौरान सुनीता व दुर्गा ने जमकर चौके – छक्के लगाए।
नेत्रहीन की तीन केटेगरी रहीं
नेत्रहीन महिला क्रिकेटर की तीन केटेगरी थीं। जिसमें ए ग्रुप में पूरी तरह से नेत्रहीन, बी ग्रुप में 3 मीटर तक धुंधला नजर आने व सी ग्रुप में 6 मीटर तक धुंधला दिखने वाली महिला क्रिकेटरों को शामिल किया गया।