जिस आदिवासी महिला को आवंटित हुआ आवास, वो अभी भी झोपड़ी में कर रही निवास
देश के आदिवासी परिवारों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना शुरू हुई। जिसके तहत झोपड़ियों में रहने वाले आदिवासी परिवारों के लिए सुविधाजनक पक्के आवास भी बनाए गए। शिवपुरी जिले की बदरवास जनपद की ग्राम पंचायत रिनहॉय में एक आदिवासी महिला को भी जनमन आवास दिया गया, लेकिन उस पर दबंगों ने कब्जा कर कंट्रोल की दुकान खोल ली। जिसके चलते आदिवासी महिला अभी भी झोपड़ी में ही रहने को मजबूर है।
शिवपुरी जिले की बदरवास जनपद की ग्राम पंचायत रिनहॉय के टीलाखुर्द में रहने वाली ब्रजबाई पत्नी नब्बो आदिवासी को जनमन योजना के तहत पक्का आकर्षक आवास दिया गया था। महिला अभी झोपड़ी से अपना सामान पक्के मकान में शिफ्ट भी नहीं कर पाई थी कि गांव के दबंगों ने उसके मकान पर कब्जा कर उसमे अर्जुन जाटव ने कंट्रोल की दुकान का संचालन शुरू कर दिया। चूंकि अदिवासी महिला उन दबंगों से उलझने की हिम्मत नहीं रखती है, इसलिए वो अपना सामान उठाकर फिर से वापस झोपड़ी में आ गई।
पीएम की योजना पर हावी दबंग
देश के प्रधानमंत्री की सोच है कि आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े आदिवासियों को मुख्य धारा से जोड़ा जाए। इन परिवारों को झोपड़ी से निकालकर पक्के मकानों में पहुंचाया जाए। पीएम की इस अच्छी सोच पर दबंग हावी हो गए, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण बदरवास का ग्राम पंचायत रिनहॉय की टीलाखुर्द है।
जनमन आवास में देश मे पहला नम्बर
शिवपुरी जिलां देश का एकमात्र ऐसा जिलां है, जिसने सबसे पहले जनमन आवास योजना के तहत पहली कॉलोनी बनाई थी। आवास बनाने ने नम्बर मारने वाले शिवपुरी में ही आवास पर कब्जे का पहला मामला भी सामने आया है।