शिबपुरी। जिले की नरवर तहसील के ग्राम सोनर गांव में रहने वाले एक परिवार की तीन वर्षीय बेटी की बीमारी का इलाज करने वाले बिना डिग्री के डॉक्टर ने जान ले ली। दो दिन तक अंदाजिया इलाज करने वाले झोलाछाप ने जब बालिका की हालत बिगड़ते देखा, तो इलाज करने से मना करके सरकारी अस्पताल भेज दिया।
ग्राम सोनर में रहने वाले सिद्धार्थ जाटव की तीन वर्षीय बेटी को बुखार आने पर बच्ची की माँ रानी जाटव, उसे इलाज के लिए गनव के बिना डिग्री के डॉक्टर राजकुमार कुशवाह के पास ले गई। दो सिन तक राजकुमार ने बालिका की बीमारी का कुछ ऐसा इलाज किया कि उसकी हालत बिगड़ती चली गई। मंगलवार की सुबह जब बेटी मरणासन्न हो गई तो राजकुमार ने इसका इलाज करने से मना करते हुए रानी को सरकारी अस्पताल में अपनी बेटी को।दिखाने की सलाह दी। सुबह जब रानी अपनी मासूम को लेकर नरवर के शासकीय अस्पताल पहुंची, तो ड्यूटी डॉक्टर ने उसकी बेटी को मृत घोषित कर दिया।
शिबपुरी जिले में इन दिनों जानलेवा डेंगू का बुखार चल रहा है, और ऐसे हालातों के बीच बिना डिग्री के झोलाछाप मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।