वारदात होने के बाद सीसीटीवी कैमरे में नजर नहीं आ रहे अपराधी
शिबपुरी। शहर में लगे पुलिस के 186 सीसीटीवी कैमरों में से कुछ तो खराब हैं, जबकि कुछ पर पेड़ों की झाड़ियां रुकावट बनी हुई हैं। कैमरों के सामने आ रही पेड़ो की डालियां, वारदात के बाद अपराधी नजर नहीं आ रहे। महत्वपूर्ण बात यह है कि कैमरों पर छा रहीं झाड़ियां कटवाने की जेहमत न तो पुलिस उठा रही और न ही नगरपालिका छंटनी करवा रही।
पिछले दिनों शिवपुरी शहर के पोलोग्राउंड से वीरेंद्र सिंह के भतीजे की बाइक दिनदहाड़े कोई उठा ले गया। बाइक चोरी हो जाने की खबर लगते ही वीरेंद्र ने इधर-उधर तलाश करने के बाद पुलिस कंट्रोल रूम का रुख किया। जब वहां पर सीसीटीवी कैमरों के कंट्रोल रूम में देखा कि पोलोग्राउंड से विभिन्न दिशाओं की तरफ जाने वाले रास्तों पर लगे कैमरे चेक करना शुरू किया।
पोलोग्राउंड के एक कोने पर स्थित लायन्स चौक पर लगे कैमरे में जब देखा तो बाइक का थोड़ा अगला हिस्सा नजर आया, जबकि कैमरे के आगे पेड़ की झाड़ी आ जाने की वजह से कुछ भी नजर नहीं आया। यह स्थिति केवल इसी चौराहे पर नहीं है, बल्कि शहर के अन्य चौराहों पर जब नजर डाली, तो स्थिति और भी गड़बड़ निकली। ऐसे में यदि शहर में कोई बड़ी वारदात हो जाएगी तो फिर शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कुछ नजर नहीं आएगा, क्योंकि कहीं पेड़ों की झाड़ियां रुकावट बनी हैं, तो कहीं विज्ञापन के बोर्ड लगे हैं।
कुछ ऐसी मिली स्थिति:
- अस्पताल चौराहे पर तीन दिशाओं के कैमरे तो क्लीयर हैं, लेकिन कोर्ट रोड की दिशा में केवल पाइप ही लगा है, ज्योंकि उसके चारों तरफ घने पेड़ हैं।
- कस्टम गेट पार्क पर लगे तीन कैमरों में से एक के सामने झाड़ियां आ रहीं हैं, जबकि एक कैमरे के सामने विज्ञापन का बोर्ड आ रहा है।
हुई बड़ी वारदात, तो रह जाएंगे हाथ मलते
शिबपुरी शहर में यदि कभी कोई बड़ी वारदात हुई, तो अपराध या अपराधी कैमरों में कैद हो जाएंगे, यह सोचना गलत है। क्योंकि शहर के कई प्रमुख चौराहों पर लगे कैमरों में कुछ भी नजर नहीं आएगा और पुलिस हाथ मलती रह जाएगी।