ट्रस्ट को जमा नहीं किए पिछले 21 लाख, इस ठेके में भी देना होगी 50 फीसदी राशि
शिवपुरी। शहर में लगने वाले प्राचीन सिद्धेश्वर मेले पर इस बार शनि की साढ़े साती चले रही है। यही वजह है कि शिवरात्रि पर मेले का भूमिपूजन नहीं किया गया, और अब आधा अप्रैल गुजरने के बाद भी मेले का कुछ अता पता नहीं है। इसकी मुख्य वजह शिवपुरी नगरपालिका है, जिस पर सिद्धेश्वर ट्रस्ट का 21 लाख रुपए पिछला बकाया है। घोटालेबाज नगरपालिका अब मेले की जगह बदलकर अपनी गर्दन बचाने के प्रयास में है।
गौरतलब है कि शिवपुरी शहर के सिद्धेश्वर मंदिर के सामने मैदान में हर साल गर्मियों में मेले का आयोजन किया जाता रहा है। चूंकि मेले का नाम भी श्री सिद्धेश्वर मेला है, इसलिए वो मंदिर प्रांगण में ही लगता रहा है। मेला लगने के एवज में हर साल नगरपालिका तो ठेकेदार से तयशुदा राशि के अतिरिक्त रिश्वत में मोटी राशि लेती रही, लेकिन सिद्धेश्वर ट्रस्ट को जमीन के बदले दिए जाने वाले किराए को उधारी खाते में चलाती रही। जिसके चलते नगरपालिका शिवपुरी पर 21 लाख रुपए कर्जा चढ़ गया।
जो नपा अपने कर्मचारियों की पीएफ राशि हड़प कर गई, जो सिर्फ कमीशन देने वालो के काम कर रही है, वो इस मेले के कर्ज को कैसे पटाएगी?। यही वजह है कि 61 लाख रुपए का ठेका देने के बाद भी अभी तक यह तय नहीं हो पाया कि मेला कहां लगाया जायेगा। क्योंकि सिद्धेश्वर ट्रस्ट अपनी 21 लाख की उधारी के साथ ही नए ठेके में से 50 फीसदी राशि मांग रहा है। नपा के जिम्मेदारों को भी शहर की जनता का मेले में होने वाले मनोरंजन से कोई लेना देना नहीं है, वो तो अपनी गर्दन बचाने में जुटी हुई है।
शहर को मोड़ा जबसे आयो, हो गओ बंटाधार
शिवपुरी नगरपालिका में जब तक बाहर के सीएमओ आते रहे, तब तक स्थिति ठीक रही, लेकिन जबसे शहर को मोड़ा अधिकारी बनकर आओ, तबसे स्थिति और भी अधिक बिगड़ गई। बताते हैं कि वो अपने आपको आईएएस मानते हैं। भैया हम भी मान लेंगे, पहले आईएएस तो बन जाओ।
