दो माह पहले आई 1.20 करोड़ की बीड हार्वेस्टिंग मशीन की सफाई कहीं नजर नहीं आई
30 नवंबर को क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने की मशीन से सफाई की शुरुआत
शिवपुरी के पर्यटन में अहम भूमिका निभाने वाली चांदपाठा झील को रामसर साइट में शामिल क्या।किया, इसकी सुंदरता ही खत्म हो गई। झील का पानी गायब हो गया, और पूरी झील पर जलकुंभी छा गई। जलकुंभी को साफ करने के लिए 1.20 करोड़ रुपए की लागत से बीड हार्वेस्टिंग मशीन को लाया गया, और उसकी ओपनिंग क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद उससे जलकुंभी निकलवाकर किया था।
बीते 30 नवंबर को जब सिंधिया ने 1.20 करोड़ की इस मशीन से सफाई शुरू करवाई, तो नेताओं से लेकर अधिकारियों ने दावा किया कि अब झील जल्दी साफ हो जाएगी। लगभग दो माह गुजरने के बाद भी झील का एक कोना तक साफ नहीं हो पाया। जबकि जलकुंभी इसका पानी तेजी से सोख रही है, जिसके चलते झील अब सूखने की कगार पर और जलजीवों की जान खतरे में आ गई।
निराश लौट रहे वोटिंग के सैलानी
नेशनल पार्क के अंदर मौजूद चांदपाठा झील को जलकुंभी ने जहां बदसूरत कर दिया है, वहीं वोटिंग को भी दो साल से ठप कर दिया। राजकुमारी वोट सहित अन्य मोटर वोट भी चौतरफा जलकुंभी में फंसकर रह गई, जिस वजह से सैलानी भी निराश होकर ही लौट रहे हैं।
टूरिज्म के दावे खोखले
शिवपुरी में टूरिज्म को बढ़ावा देने के दावे तो नेता बहुत करते हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं है। प्राचीन पर्यटन स्थल भदैया कुण्ड भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। कुंडों का पानी गंदा होकर काला हो चुका है, तथा हर तरफ गंदगी पसरी हुई है। इस बदहाल जगह को देखने के एवज में 10 रुपए की वसूली जारी है।

