गणतंत्र दिवस पर क्रांतिकारी तात्याटोपे को भूले नेता और अधिकारी
शिवपुरी की पहचान बने अमर शहीद तात्याटोपे का संग्रहालय कोठी नंबर 17 में बनाया गया है। देश की आजादी में सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर शहीद को आज गणतंत्र दिवस पर नेताओं के साथ जिले का प्रशासन भी भूल गया। मुख्यालय पर संचालित भ्रष्ट अधिकारियों के दफ्तरों पर आकर्षक लाइटें दमकती रहीं, लेकिन शहीद के नाम का संग्रहालय अंधेरे में डूबा रहा।
सन 1857 की क्रांति के महानायक तात्याटोपे को शिवपुरी में फांसी दी गई थी, और जिस कोठी नंबर 17 में तात्याटोपे पर अंग्रेजों ने मुकदमा चलाया था, उस कोठी को तात्याटोपे के नाम से संग्रहालय बनाकर उसे पुरातत्व विभाग को दे दिया गया। शासन के आदेश थे कि सभी सरकारी दफ्तरों पर गणतंत्र दिवस पर रोशनी की जाए। जिसके पालन में सभी सरकारी दफ्तरों पर तो विभाग प्रमुखों ने आकर्षक लाइटिंग लगवा ली, लेकिन अमर शहीद।के नाम से बने संग्रहालय पर एक झालर तक किसी ने नहीं डाली। जिसके चलते यह कोठी अंधेरे में डूबी रही।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ही जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं, और आज उन्होंने पोलोग्राउंड में आयोजित गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि देश की आजादी पर लंबे चौड़े भाषण दिए, लेकिन उन्होंने भी यह नहीं देखा कि अमर शहीद तात्याटोपे के नाम से बने संग्रहालय पर उनके विभाग की ऊर्जा से जगमगाने वाली एक झालर भी नहीं डाली गई।
